आइए जानते हैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी , पूजा-विधि, महत्व और सामग्री

श्री कृष्ण जन्माष्टमी , पूजा-विधि, महत्व और सामग्री 



धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस दिन श्री कृष्ण बाल रूप की लड्डू गोपाल की पूजा- अर्चना की जाती है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है।  भगवान श्री कृष्ण जो की विष्णु के आठवे अवतार थे | जन्माष्टमी को भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं. इस  दिन श्री कृष्ण बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा- अर्चना की जाती है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है।

पूजा मुहूर्त



इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 30 अगस्त, दिन सोमवार को है। 

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ- 29 अगस्त दिन रविवार को रात 11 बजकर 25 मिनट से
  • अष्टमी तिथि समाप्त-  30 अगस्त दिन सोमवार को देर रात 01 बजकर 59 मिनट पर होगा।


सुबह 07 बजकर 47 मिनट के बाद हर्षण योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में हर्षण योग को बेहद शुभ माना जाता है।मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है। जन्माष्टमी के दिन कृत्तिका और रोहिणी नक्षत्र रहेगा।

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कान्हा का श्रंगार



चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान कृष्ण का पालना रखें. भगवान कृष्ण के बालस्वरूप की प्रतिमा को वस्त्र, फूल, इत्र, चंदन आदि से सजाकर पालने पर रखें. कान्हा के बाल स्वरूप के साथ उनकी सबसे प्रिय बांसुरी और मयूर पुष्प अवश्य रखें.

पूजा विधि 


- सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें|

- अब घर के मंदिर में कृष्ण जी या फिर ठाकुर जी की मूर्ति को पहले गंगा जल से स्नान कराएं.

- इसके बाद मूर्ति को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और केसर के घोल से स्नान कराएं.

- अब शुद्ध जल से स्नान कराएं.उन्हें पुष्प, फल—फूल, चंदन, धूप आदि समर्पित करें.प्रसाद में उन्हें माखन-मिश्री आदि का भोग लगाएं 

- अब घर के सभी सदस्यों को प्रसाद दें.

- अगर आप व्रत रख रहे हैं तो दूसरे दिन नवमी को व्रत का पारण करें.

-भगवान् कृष्ण को दीप दिखाएं। इसके बाद धूप दिखाएं। अष्टगंध चन्दन या रोली का तिलक लगाएं और साथ ही अक्षत (चावल) भी तिलक पर लगाएं। माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पण कीजिए और तुलसी का पत्ता विशेष रूप से अर्पण कीजिए.

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 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी  का महत्व 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व होता है।

इस दिन विधि- विधान भगवान श्री कृष्ण की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

इस दिन पूजा- अर्चना करने से निसंतान दंपतियों को भी संतान की प्राप्ति हो जाती है।



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