“Flame of Hope” क्या है?
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टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) क्या है?
यह योजना जुलाई 2014 में तैयार की गई थी। इस योजना का उद्देश्य देश भर से पदक की संभावनाओं वाले व्यक्तियों की पहचान करना था, और उन्हें आगामी ओलंपिक और पैरालिम्पिक्स के लिए तैयार करना है। TOPS के तहत चुने गए एथलीटों की सहायता के लिए मिशन ओलंपिक सेल नामक एक समर्पित निकाय का गठन किया गया है।
अब, देश में जूनियर एथलीटों के लिए TOPS को लागू किया जाएगा, अधिकारियों द्वारा विभिन्न प्रतिभा पहचान कार्यक्रमों के माध्यम से 10 से 12 वर्षीय प्रतिभाओं को इस योजना के तहत चुना जाएगा। इसके अलावा, चुने हुए व्यक्तियों को दुनिया में शीर्ष कोच, अनुकूलित प्रशिक्षण आदि जैसी सभी संभव सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
आगामी ओलंपिक के लिए चार भारतीय मुक्केबाजों को टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) में शामिल किया गया है। यह मुक्केबाज़ हैं : सिमरनजीत कौर (60 किलोग्राम), पूजा रानी (75 किलोग्राम), आशीष कुमार (75 किलोग्राम) और सतीश कुमार (91 किलोग्राम) । इससे पहले कुछ अन्य मुक्केबाज़ TOPS में शामिल किये जा चुके हैं, वे हैं : एमसी मेरीकॉम, अमित पंघाल, मनीष कौशिक और विकास कृष्णन।
TOPS योजना खेल मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है और भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। इस योजना के माध्यम से, आगामी ओलंपिक खेलों के लिए संभावित पदक विजेता एथलीटों और खेल हस्तियों की पहचान की गई है।
ओलम्पिक खेल
ओलम्पिक खेल प्रतियोगिताओं में अग्रणी खेल प्रतियोगिता है जिसमे हजारों एथलीट कई प्रकार के खेलों में भाग लेते हैं। ओलम्पिक की शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन प्रतियोगिताओं में 200 से ज्यादा देश प्रतिभाग के रूपमें शामिल होते हैं। ओलम्पिक खेल प्रत्येक चार वर्ष के अंतराल में खेला जाता है।प्रतियोगिताओं में अग्रणी खेल प्रतियोगिता है जिसमे हजारों एथलीट कई प्रकार के खेलों में भाग लेते हैं। ओलम्पिक की शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन प्रतियोगिताओं में 200 से ज्यादा देश प्रतिभाग के रूपमें शामिल होते हैं।ओलम्पिक खेल प्रत्येक चार वर्ष के अंतराल में खेला जाता है। टोक्यो ओलंपिक 2020
ओलम्पिक प्रतीक के रूप में पांच रंगीन एक दूसरे से मिले हुए दर्शाये गए है जो विश्व के 5 महाद्वीपो के प्रतिनिधित्व करने के सांथ ही निष्पक्ष एवं मुक्त स्पर्धा का प्रतीक है नीला चक्र - यूरोप पीला चक्र - एशिया काला चक्र- अफ्रीका हरा चक्र- ऑस्ट्रेलिया लाल चक्र - उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका
ओलम्पिक मशाल
इसे जलाने की शुरुआत 1928 से एम्स्टर्डम ओलम्पिक से हुई। 1936 में बर्लिन ओलम्पिक में मशाल के वर्तमान स्वरूप को अपनाया गया। इसी समय से मशाल को आयोजित स्थल तक लाने का प्रचलन शुरू हुआ।इस मशाल को खेल शुरू होने के कुछ दिन पूर्व यूनान के ओलम्पिया में हेरा मन्दिर के सामने सूर्य की किरणों से प्रज्वलित किया जाता है विभिन्न खिलाड़ियों द्वारा वहाँ से आयोजन स्थल तक लाया जाता है इसी मशाल से खेल समारोह विशेष की मशाल प्रज्वलित की जाती है।
ओलम्पिक पदक
ओलम्पिक खेलो में तीन प्रकार के पदक दिए जाते है
1.स्वर्ण पदक 2.रजत पदक 3.कांस्य पदक
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